रिकॉर्डिंग मंद भी है , अर साफ़ भी कम है ।…अर किणी कवि नैं इत्ती सी देर सुणियां तिरस कोनी बुझै ।आप आंरी तेज़ आवाज़ मांय सागीड़ी कवितावां सुणवावो सा ।हां , बानगी दाय ज़रूर आयी ।छोगसिंहजी नैं रंग !- राजेन्द्र स्वर्णकार शस्वरं
आपरा विचार अठै मांडो सा....
रिकॉर्डिंग मंद भी है , अर साफ़ भी कम है ।
जवाब देंहटाएं…अर किणी कवि नैं इत्ती सी देर सुणियां तिरस कोनी बुझै ।
आप आंरी तेज़ आवाज़ मांय सागीड़ी कवितावां सुणवावो सा ।
हां , बानगी दाय ज़रूर आयी ।
छोगसिंहजी नैं रंग !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं