मनुज देपावत रो जन-गीत "धोरां वाला देश जाग रे"

12 टिप्‍पणियां:

  1. गीत सुन देख कर आनन्द आ गया.........

    स्वागत है

    हार्दिक शुभ कामनाएं

    -अलबेला खत्री

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  2. Rajeev, this is not a HINDI blog... this is RAJASTHANI BLOG sir... please make correction in your wordings.

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  3. बहुत बढ़िया है सा आप इन दुनिया में उजाला रो कोम करो हो सा
    मारी शुभकामना आपरे साथै है और में भी इण जाग्रति ने आगे फेलौला

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  4. नहीं नहीं, राजस्थानी भाषा और हिंदी भाषा एक ही है

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  6. युगलजी,
    यूं तो दुनिया की समस्त भाषाएं एक ही हैं, मगर अपनी व्याकरणिक विशिष्टताओं के कारण राजस्थानी और हिन्दी पूर्णतया अलग-अलग भाषाएं हैं। ठीक वैसे ही जैसे पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगला आदि।
    -सत्यनारायण सोनी, प्राध्यापक (हिन्दी)

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  7. बहुत ही शानदार ब्लॉग है. इसके लिए बधाई और शुभ कामनाएं .

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  8. i am also rajshthani lit student. i like it blogspot. in ba or bed i had been rajsthani subject.

    vijay singh
    lohalhan new basti ajmer (raj.)

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  9. सोनीजी; घणो आनंद आयो इण गीत ने सुण ने. आपरो घणो घणो धन्यवाद म्हने म्हारे गाँव पचपदरा री याद आयगी. थे अंदाजो कोनी लगा सको के म्हने कित्ती ख़ुशी हुई है आज. एक बार पाछो धन्यवाद. इण तरह और लोकगीतों री बात जोवोंलोसा. घणी खमा
    www.nareshnashaad.blogspot.com

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  10. धोरां वाळौ देस तौ जाग्यौड़ौ छै. धोरां वाळा देस रा लोग सो ग्या

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  11. Is very ko sun nahi paa raha Hun.kripya dubara kisi aur format me upload kijiyr

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  12. Bahut hi shandar geet hai, par is format me sun nahi paa raha Hun.kripya dobara upload late

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