बिन भासा बिन पाणी बिलखै राजस्थानी!


राजा जी, थांरै राज में बिन भासा बिन पाणी,
बिलखै राजस्थानी!
जिका सांपा नैं दूध पायौ हौ
वै आज फण उठावै है!
नित नूंवी कर कुचमाद~यां थांरी,
मायड़ भासा पर आंगळी उठावै है!
घर रा पूत तो कंवारा डोलै!
दूजां री क्यूं फुलड़ा सैज सजावौ हौ?
घर रा टाबरिया रोटी नैं तरसै,
दूजां नै मालपुवा क्यूं पुरसावौ हौ?
रोळ राज में तळै बेठगी भासा संस्कृति,
क्यांरी कुड़ी बिड़द बंचावौ हौ?
कक्कौ कोडको, मम्मा मौरी माय अै
गगा गौरी गाय अे, घाट पिलाणै जाय अे।
अेके-अेक दूवै-दो, अेके मिंडी दस,
तीये मिंडी तीस, पांचूड़ी पच्चीस।
छिनूड़ै री चौपन, बारम बार चमाळसो।
कठै गयी बा मारणी,
कठै गमग्या बै ढूंचा प्हाडा?
कठै गया बै मारजा,
कठै गई बै पोसाळांं?
इण भणाई सूं पांचवी पढयोड़ा
बडां बडां रा गोडा टिकावै है।
रोळ राज रा बीए एमए,
छोटी-छोटी गिणत्यां में अरड़ावै है।
कूड़-कपटियै इण राज में
भणाई भेळी व्हैगी।
गरूजी गरूजी नीं रैया,
नोट छापण री मसीन बणग्या।
चोटी करती चमचम
विद्या  आंवती घमघम।
विद्या री देवी रूसगी रोळ राज में,
कुण हालरिया हुलरावै?
कुण साची सीख देवै,
कुण मरण बडाई रौ पाठ पढावै?
बापड़ी बणगी रजपूती
जणौ-जणौ आंख दिखावै।
रोळ राज रा राजा बण
क्यूं इतरा फनफनावौ हौ?
राहुल-सोनिया रै दरबार में भर हाजरी।
वांरा गुण-बखाण भाटां ज्यूं
क्यूं बिड़दावौ हौ?
कठै गई थारी बै जादू री काम्ड़ियाँ {छड़ियां}
क्यूं वांरी हां में हां मिलावौ हौ?
मायड़ भासा बोलतां थारी जीभड़ली
क्यूं हिचकावै है?
ओप री भासा में भासण झाड़-झाड़
क्यूं कुड़ी मौद मनावौ हौ?
मायड़ लाजां मरै इसड़ै पूतां पर
क्यूं, लाखीणी साख गमावौ हौ?
सौ क्यूं देख रह~या निजरां सूं,
फैर, माथै में क्यूं धूड घालौ हौ?
राज-काज संभै कोनी,
जद क्यां तांणी तड़फा तोड़ौ हौ?
साचै गरू सूं लेय सीख,
भगवां क्यूं नीं धारौ?
विनोद सारस्वत,
बीकानेर

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